
विजय कारगिल दिवस: भारतीय सशस्त्र बलों के शौर्य को समर्पित भावपूर्ण आयोजन
मनेंद्रगढ़।
विजय कारगिल दिवस के अवसर पर पतंजलि योग समिति, एमसीबी योग सेवा समिति और विभिन्न सामाजिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में एक भावपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने भारतीय सशस्त्र बलों के अद्वितीय साहस, समर्पण और देशभक्ति को नमन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ योग प्रशिक्षक सतीश उपाध्याय ने कहा, “विजय कारगिल दिवस भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है। यह दिवस राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को सशक्त करता है तथा युवाओं को देशभक्ति के मार्ग पर प्रेरित करता है।”
आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चंदेल ने देश की अखंडता की रक्षा के लिए तत्पर रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “सैनिकों के बलिदान पर केंद्रित यह आयोजन युवाओं में देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव जगाता है, जो प्रशंसनीय प्रयास है।”
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सहायक नेत्र अधिकारी आर.डी. दीवान ने कारगिल युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह युद्ध मई 1999 में प्रारंभ हुआ और लगभग 60 दिनों तक चला। उन्होंने कहा कि यह युद्ध भारत के सैन्य इतिहास का ऐसा अध्याय है, जो सदा प्रेरणा देता रहेगा।
कोरी समाज के जिला अध्यक्ष विष्णु प्रसाद कोरी ने शहीद लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, कैप्टन विक्रम बत्रा एवं ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव के बलिदान को नमन करते हुए कहा, “कारगिल विजय दिवस पाकिस्तान पर भारत की सैन्य शक्ति की विजय का प्रतीक है। यह युद्ध अत्यंत विकट परिस्थितियों में, 18 हजार फीट से भी अधिक ऊँचाई पर लड़ा गया था।”
महिला योग समिति की जिला अध्यक्ष बलवीर कौर ने कहा, “कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों का शौर्य इतिहास में अमिट रहेगा।”
इस अवसर पर हर्षलता खियानी ने देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत प्रस्तुत कर उपस्थित जनसमुदाय को भावविभोर कर दिया।
शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की वरिष्ठ व्याख्याता नीलम दुबे ने कारगिल युद्ध की विभीषिका पर जानकारी देते हुए बताया कि इस युद्ध में 527 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि 1400 से अधिक घायल हुए।
कार्यक्रम में विजय मंगलम बालिका आवासीय परिसर की संचालिका रूपा पोद्दार, योग साधक रामसेवक विश्वकर्मा, राकेश अग्रवाल, कविता मंगतानी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन संयोजक सतीश उपाध्याय ने किया।
अंत में ‘वंदे मातरम्’ और ‘कारगिल अमर रहे’ के उद्घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।